73वे संविधान संशोधन के बाद बड़ी उम्मीद जगी थी कि भारत विकसित देश की श्रेणी में कदम रखने जा रहा है किंतु वर्तमान हालातों से आंकलन करें तो पंचायतों में जन समुदाय की सीधी भागीदारी न होने से जीते हुए प्रतिनिधि   भयंकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं,साथ ही विकास कार्य टिकाउ न होकर बेढंगे हो रहे हैं।

जीपीडीपी {ग्राम पंचायत विकास योजना} में जन सहभागिता अभी भी कई जगहों पर अधूरी है। यह योजना ग्राम स्तर पर विकास के लिए बनाई जाती है और इसमें लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है, हालांकि, अभी भी कुछ ऐसे राज्य और इलाके हैं जहाँ यह भागीदारी कम है या योजना बनाने की प्रक्रिया में लोगों को पूरी तरह से शामिल नहीं किया जाता है ।

हम पंचायतों के कार्यों के क्रियान्वयन पर नजर डालें तो तो लगभग आधी पंचायतें चौदवे वित आयोग के पैसे को प्रोजेक्टिव रूप में खर्च कर सकने में सक्षम नहीं हैं। पंचायतों में दिर्घकालिक योजनाओं का बनाने का अभाव है। पंचायतों में निर्माण की प्रक्रिया की समझ विकसित कराने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम खानापूर्ति तक सीमित हैं। ग्राम के समग्र एवं समेकित विकास की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

क्या किया जाना चाहिए

1 समुदाय को सीधे विकास एवं नियोजन प्रक्रिया से जोड़ा जाए

2 नियोजन के लक्ष्य प्रभावशी एवं टिकाउ हों3 ऑनलाइन कार्यप्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता और कुशलता 

जीपीडीपी में जन सहभागिता की कमी के कुछ कारण:

  • जागरूकता की कमी:

कई लोगों को जीपीडीपी के बारे में जानकारी नहीं होती है, जिससे वे योजना में भाग नहीं ले पाते हैं.

  • भाषा की बाधा:

कुछ क्षेत्रों में, लोगों को योजना प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भाषा की बाधा का सामना करना पड़ सकता है.

  • समय की कमी:

कुछ लोगों के पास योजना प्रक्रिया में भाग लेने के लिए समय नहीं होता है.

  • प्रशासनिक बाधाएं:

कुछ मामलों में, प्रशासनिक बाधाओं के कारण लोगों को योजना में भाग लेने से रोका जाता है. 

जीपीडीपी में जन सहभागिता को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय:

  • जागरूकता बढ़ाना:

लोगों को जीपीडीपी के बारे में जानकारी देनी चाहिए ताकि वे योजना में भाग ले सकें.

  • भाषा की बाधा को दूर करना:

योजना प्रक्रिया को विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना चाहिए ताकि सभी लोग इसमें भाग ले सकें.

  • समय की कमी को दूर करना:

लोगों को योजना प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए.

  • प्रशासनिक बाधाओं को दूर करना:

प्रशासन को लोगों को योजना में भाग लेने में आसानी होनी चाहिए. 

जीपीडीपी में जन सहभागिता का महत्व:

  • योजना की सफलता:

लोगों की भागीदारी से योजना अधिक प्रभावी होती है.

  • जनता का विश्वास:

जनता को विश्वास होता है कि योजना उनकी जरूरतों के अनुसार बनाई जा रही है.

  • सामाजिक न्याय:

योजना से सभी लोगों को समान रूप से लाभ होता है. 

कुल मिलाकर, जीपीडीपी में जन सहभागिता को बढ़ाने के लिए जागरूकता, भाषा, समय और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करना आवश्यक है. इससे योजना अधिक प्रभावी और जनता के लिए अधिक फायदेमंद होगी. 

 

 

 

 

 

न्यूज़ सोर्स : Yogendra patel