रायसेन।मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के मौके पर कृषक सहयोग संस्थान ने रायसेन जिले की 5 स्टेशनों पर 1 से 30 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया गया। अभियान में रेलवे पुलिस बल और संस्थान के सदस्यों ने स्टेशनों पर मानव दुर्व्यापार के संदिग्धों पर नजर रखी।जिसमें बाल संरक्षण व बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत कार्रवाई और गहन समन्वय की जरूरत पर बल दिया गया।  आरपीएफ थाना प्रभारी,आईपीएस अरुण कुमार,रविन्द्र कौशिक कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ. एच बी सेन सहित स्टेशनों पर बनाये गए जिम्मेदार स्वयंसेवकों और प्रतिनिधि शामिल हुए।
जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया कि विशेषज्ञों ने एक स्वर में माना कि बच्चों की तस्करी रोकने के लिए सभी संबंधित विभागों,कानून प्रवर्तन,शिक्षा, बाल कल्याण व सामाजिक संस्थाओं को एकजुट होकर तेज कार्रवाई करनी जरूरी है। इससे तस्करी करने वाले गिरोहों में कानून का डर पैदा होगा और ज्यादा बच्चों की जान बचाई जा सकेगी। कृषक सहयोग संस्थान ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ के साथ मिलकर बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय 250 से ज्यादा संगठनों के साथ गठजोड़ में काम करता है।
बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने में सामने आने वाली चुनौतियां—जागरूकता की कमी, गिरोहों के नए-नवेले तौर-तरीके और विभागीय समन्वय की कमी—पर गहराई से चर्चा हुई। अधिकारियों ने माना, संवेदनशील तबकों को जागरूक करना, संदिग्ध मामलों की तुरंत रिपोर्टिंग और विभागों में सूचना साझा करना जरूरी है ताकि मुक्त कराए गए बच्चों को समयबद्ध न्याय और पुनर्वास मिल सके।
कृषक सहयोग संस्थान ने बीते साल बड़ी संख्या में बच्चों को बाल श्रम, यौन शोषण और बाल विवाह जैसी तस्करी से बचाया है। संस्था ने रेखांकित किया कि बच्चों की तस्करी का दायरा केवल मजदूरी और शोषण तक सीमित नहीं, बल्कि जबरन विवाह के मामले भी शामिल हैं, खासकर लड़कियों के। इस छुपी समस्या पर जागरूकता और रोकथाम पर बल देने की जरूरत है।
हाल ही में संस्थान ने आरपीएफ के सहयोग से रेलवे स्टेशनों पर बाल तस्करी के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाया, क्योंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को रेलवे के जरिए अन्य राज्यों तक ले जाते हैं। अभियान के तहत यात्रियों, रेल कर्मियों, दुकानदारों व कुलियों को बच्चों की तस्करी के संकेत पहचानने और हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम में संस्था के निदेशक एच बी सेन ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की तस्करी रोकने के लिए, जिला प्रशासन और विभिन्न एजेंसियों के मजबूत तालमेल व समयबद्ध कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी हैं। तभी बच्चों की सुरक्षा और तस्करी करने वालों के नेटवर्क का खात्मा संभव है।

न्यूज़ सोर्स : Anil Bhavre